Saturday 17 September 2011

खुशी अगर हमसे दामन बचाती है तो बचाऐ,
हमें तो गम ही है रास आऐ...
महोब्बत का ये अजब दस्तुर देखा,
उसी की जीत है... जो हार जाऐ...

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